dalte hi nikal jata h इसके क्या कारण है
डालते ही निकल गया (dalte hi nikal jata h) एक सामान्य यौन समस्या है जो पुरुषों में पाई जाती है। यह स्थिति तब होती है जब पुरुष संभोग के दौरान अत्यधिक जल्द ही स्खलित हो जाते हैं, जिससे उनके और उनके साथी दोनों को यौन सुख की प्राप्ति नहीं हो पाती। यह स्थिति मानसिक, शारीरिक और सामाजिक प्रभाव डाल सकती है। शीघ्रपतन के कारण विविध होते हैं, और यह व्यक्तिगत अनुभव और स्वास्थ्य की स्थिति पर निर्भर करता है।
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डालते ही निकल गया के मुख्य कारण:
1. मनोवैज्ञानिक कारण:
मनोवैज्ञानिक कारणों में तनाव, चिंता, अवसाद और प्रदर्शन की चिंता (performance anxiety) शामिल होते हैं।
- तनाव और चिंता: दिन-प्रतिदिन की समस्याएं, जैसे नौकरी, परिवार, या वित्तीय तनाव, व्यक्ति के मानसिक स्वास्थ्य को प्रभावित कर सकते हैं। यह तनाव यौन प्रदर्शन के दौरान अधिक चिंता उत्पन्न करता है, जिससे शीघ्र स्खलन हो सकता है।
- प्रदर्शन की चिंता: जब व्यक्ति को अपने यौन प्रदर्शन के बारे में अत्यधिक चिंता होती है, तो उसका ध्यान आनंद लेने के बजाय जल्दी स्खलित होने पर अधिक होता है।
- अवसाद: अवसाद भी यौन जीवन को प्रभावित करता है। यह न केवल यौन इच्छाओं को कम करता है, बल्कि यौन प्रक्रिया में शीघ्रपतन की संभावना भी बढ़ा सकता है।
2. जैविक (शारीरिक) कारण:
कई जैविक या शारीरिक कारण शीघ्रपतन का कारण हो सकते हैं।
- हार्मोनल असंतुलन: पुरुषों में हार्मोन, जैसे टेस्टोस्टेरोन का असंतुलन, शीघ्रपतन का कारण बन सकता है।
- मस्तिष्क में रसायनों का असंतुलन: मस्तिष्क में सेरोटोनिन जैसे न्यूरोट्रांसमीटर के स्तर में कमी होने पर (dalte hi nikal jata h) की संभावना अधिक हो सकती है। सेरोटोनिन एक रसायन है जो मनोवैज्ञानिक संतुलन और यौन गतिविधियों को नियंत्रित करता है।
- प्रोस्टेट या मूत्रमार्ग संक्रमण: प्रोस्टेट ग्रंथि या मूत्रमार्ग में संक्रमण भी शीघ्रपतन का कारण हो सकता है। ये संक्रमण यौन उत्तेजना के दौरान दर्द और असहजता उत्पन्न कर सकते हैं, जिससे शीघ्र स्खलन हो सकता है।
- आनुवंशिक कारण: कुछ शोध बताते हैं कि शीघ्रपतन का एक आनुवंशिक पहलू हो सकता है, जिसमें व्यक्ति के परिवार में यह समस्या पहले से ही मौजूद हो सकती है।
3. संबंधित कारण:
कभी-कभी डालते ही निकल गया का संबंध यौन संबंधों की समस्याओं से भी हो सकता है।
- संबंधों में असंतोष: जब दंपत्ति के बीच संचार की कमी होती है या उनके बीच कोई भावनात्मक तनाव होता है, तो यह शीघ्रपतन का कारण बन सकता है।
- नए यौन साथी: कुछ पुरुष जब नए यौन साथी के साथ होते हैं तो उत्तेजना के कारण शीघ्र स्खलित हो सकते हैं।
- यौन अनुभव की कमी: कम यौन अनुभव भी शीघ्रपतन का कारण हो सकता है।
4. आदतें और जीवनशैली:
- अत्यधिक हस्तमैथुन: अत्यधिक और जल्दी-जल्दी हस्तमैथुन करने की आदत शीघ्रपतन की आदत को बढ़ा सकती है।
- शराब और नशीले पदार्थों का उपयोग: शराब और नशीले पदार्थों का अत्यधिक सेवन यौन प्रदर्शन को प्रभावित कर सकता है और शीघ्रपतन का कारण बन सकता है।
5. अन्य कारण:
- अत्यधिक उत्तेजना: जब व्यक्ति अत्यधिक यौन उत्तेजना महसूस करता है, तो वह जल्द ही स्खलित हो सकता है।
- शरीर की संवेदनशीलता: कुछ पुरुषों का शारीरिक रूप से अत्यधिक संवेदनशील होना भी शीघ्रपतन का कारण बन सकता है। यह शारीरिक संवेदनशीलता यौन अंगों में उत्तेजना को तेज कर सकती है, जिससे स्खलन जल्दी हो सकता है।
उपचार के उपाय:
डालते ही निकल गया का उपचार शारीरिक और मानसिक दोनों स्तरों पर किया जा सकता है।
संबंधों में शीघ्रपतन (dalte hi nikal jata h) का प्रभाव
शीघ्रपतन (Premature Ejaculation) एक सामान्य यौन विकार है, जो न केवल व्यक्ति के यौन जीवन को प्रभावित करता है, बल्कि उसके और उसके साथी के बीच संबंधों पर भी गहरा प्रभाव डालता है। यह स्थिति तब होती है जब पुरुष संभोग के दौरान अत्यधिक जल्दी स्खलित हो जाता है, जिससे दोनों साथियों को यौन संतुष्टि प्राप्त नहीं हो पाती। यह यौन असंतोष तनाव, निराशा और भावनात्मक दूरी का कारण बन सकता है, जिससे संबंधों में जटिलताएं उत्पन्न हो सकती हैं।
- संबंधों में तनाव और असंतोष:
शीघ्रपतन का सबसे स्पष्ट प्रभाव यह होता है कि यह यौन संतोष की कमी का कारण बनता है। जब पुरुष जल्द ही स्खलित हो जाता है, तो महिला साथी को पूरा यौन आनंद प्राप्त नहीं होता। इससे दोनों के बीच असंतोष पैदा हो सकता है। पुरुष को खुद पर अपराधबोध महसूस हो सकता है, जबकि महिला को यह लग सकता है कि उसकी आवश्यकताएं पूरी नहीं हो रही हैं। यह स्थिति लंबे समय तक बनी रहने पर संबंधों में तनाव और असंतोष का कारण बन सकती है। - आत्मसम्मान और आत्मविश्वास में कमी:
शीघ्रपतन से पीड़ित पुरुष अक्सर अपने आत्मसम्मान और आत्मविश्वास में कमी महसूस करते हैं। उन्हें लगता है कि वे अपने साथी को संतुष्ट नहीं कर पा रहे हैं, जिससे वे शर्मिंदा महसूस कर सकते हैं। यह आत्मसम्मान की कमी केवल यौन संबंधों तक सीमित नहीं रहती, बल्कि जीवन के अन्य पहलुओं पर भी नकारात्मक प्रभाव डाल सकती है। आत्मविश्वास की कमी और असफलता की भावना व्यक्ति को निराशा और अवसाद की ओर भी ले जा सकती है, जिससे संबंधों में और भी अधिक दूरियां आ सकती हैं। - संचार की कमी:
शीघ्रपतन के कारण संबंधों में संचार की कमी भी उत्पन्न हो सकती है। कई बार पुरुष अपने साथी से इस समस्या के बारे में बात करने से कतराते हैं, क्योंकि उन्हें शर्मिंदगी महसूस होती है। वहीं, महिला साथी भी इस समस्या पर खुलकर बात करने से बच सकती है, ताकि पुरुष का आत्मसम्मान आहत न हो। इस तरह का संचार न होना, समस्या को और बढ़ा सकता है। यौन संबंधों में आने वाली समस्याओं पर खुलकर बातचीत न करने से साथी के बीच भावनात्मक दूरी बढ़ सकती है, और उनके संबंध कमजोर हो सकते हैं। - भावनात्मक दूरी और विश्वास की कमी:
जब यौन संतुष्टि में कमी होती है और दोनों साथी एक-दूसरे के साथ इस पर संवाद नहीं करते, तो उनके बीच भावनात्मक दूरी बढ़ने लगती है। यौन संबंध सिर्फ शारीरिक नहीं होते, बल्कि वे भावनात्मक जुड़ाव का एक महत्वपूर्ण हिस्सा होते हैं। शीघ्रपतन के कारण यौन संतोष न मिलने पर, यह भावनात्मक जुड़ाव कमजोर पड़ सकता है। समय के साथ यह स्थिति अविश्वास और अलगाव की भावना को जन्म दे सकती है। - संबंध विच्छेद की संभावना:
यदि शीघ्रपतन की समस्या लंबे समय तक बिना किसी समाधान के बनी रहती है, तो यह संबंधों को गंभीर संकट में डाल सकती है। यौन असंतोष के कारण होने वाले तनाव और भावनात्मक दूरी के परिणामस्वरूप संबंधों में दरार आ सकती है। कई मामलों में, दंपत्ति इस समस्या के कारण अलग होने या तलाक की ओर बढ़ सकते हैं। - सकारात्मक समाधान और सुधार:
हालांकि शीघ्रपतन का संबंधों पर नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है, लेकिन इसे प्रबंधित और सुधारा जा सकता है। इस समस्या को दूर करने के लिए सबसे महत्वपूर्ण कदम है, संचार को बढ़ावा देना। दोनों साथियों को इस बारे में खुलकर बात करनी चाहिए और एक-दूसरे के प्रति सहानुभूति रखनी चाहिए। इसके अलावा, यौन परामर्श और चिकित्सा उपचार भी उपयोगी हो सकते हैं। मनोवैज्ञानिक चिकित्सा, काउंसलिंग और व्यवहारिक तकनीकों के साथ-साथ चिकित्सा उपचार (जैसे दवाएं या स्प्रे) से भी यौन जीवन में सुधार किया जा सकता है।
निष्कर्ष:
शीघ्रपतन एक सामान्य यौन समस्या है, जिसका प्रभाव संबंधों पर गहरा पड़ सकता है। यौन असंतोष, भावनात्मक दूरी, आत्मसम्मान की कमी और संचार की कमी जैसी समस्याएं इसके कारण उत्पन्न हो सकती हैं। हालांकि, इस समस्या को सही समय पर पहचान कर, उपचार और संवाद के माध्यम से हल किया जा सकता है, जिससे संबंधों को मजबूत बनाया जा सकता है।
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